पश्चिमी उत्तरप्रदेश के पवित्र बृजभूम के अंतर्गत आने वाले आगरा मण्डल के फिरोजाबाद जनपद की सीमा पर शिकोहाबाद मार्ग पर जसराणा तहसील अंतर्गत यमुना नदी के किनारे आबाद है द्वारिकाधीश के वंशज यदुवंशी अहीर क्षत्रियों का- पैंड़ात ठिकाना।
ऊबड़-खाबड़ भूमि पर बसे इस गाँव के ऊंचे टीले पर उत्कृष्ट वास्तु-कला से युक्तमंदिर के गगन-चुम्बी कलश व कुछ ही दूरी पर दाएं-बाएं विशाल गुम्बद युक्त मन्दिरों पर लहलहाती पताकाएं दूर-दूर के श्रद्धालु भक्तों को सदियों से ही अपनी ओर आकर्षित करती आई है।
'जय जखेश्वर 'जय मैकष्वर व 'जय सच्चे दरबार के गगन भेदी जय घोष के साथ चहुँ ओर से उमड़ती भीड़ को देखकर भौतिकता की चकाचौंध में डूबी-मानव मन की आँखें अपना अस्तित्व ही खो बैठती हैं।
(मंगल आरती के साथ)
विशेष दिवस पर समय में परिवर्तन हो सकता है।